अप्सरा मंत्र साधना
अप्सरा मंत्र साधना
अप्सरा मंत्र साधना
शास्त्रों के अनुसार अप्सरा देवलोक में रहने वाली अनुपम, अति सुंदर, अनेक कलाओं में दक्ष, तेजस्वी और अलौकिक दिव्य स्त्री है। वेद और पुराणों में उल्लेख मिलता है कि देवी, परी, यक्षिणी, इन्द्राणी , नागिनी अरूणा योगिनी, पिशाचिनी आदि कई प्रकार की देवियाँ हुआ करती हैं। उनमें अप्सराओं को सबसे सुंदर और जादुई शक्ति से संपन्न माना जाता है।
शास्त्रों के अनुसार देवराज इन्द्र के स्वर्ग में 11 अप्सराएं प्रमुख सेविका थीं।
ये अप्सराएं हैं-
कृतस्थली,
पुंजिकस्थला,
मेनका
रम्भा
प्रम्लोचा,
अनुम्लोचा,
घृताची,
वर्चा,
उर्वशी
पूर्वचित्ति और
शशी
पुष्प गंधा
मृगाक्षी
चंद्रा
इन सभी अप्सराओं की प्रधान अप्सरा रम्भा थी।
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