नाभिदर्शना अप्सरा मंत्र साधना Nabhidarshana Tantra
NabhiDarshana Mantra
नाभिदर्शना अप्सरा सुन्दरता ओर कोमलता से छलछलाता कमनीय शरीर जो अपने यौवन व प्रेम से सिंचित है। भीनी खुशबू में नहाया तन नाभि-दर्शना के आने की सूचना देता है। इस अप्सरा की झील से गहरी आंखें, लहराते हुए झरने की तरह केश और चन्द्रमा की तरह मुस्कुराता हुआ चेहरा, कमल नाल की तरह लम्बी बांहें और सुन्दरता से लिपटा हुआ पूरा शरीर एक अजीब सी मादकता बिखेर देता है, और इन्हें इन्द्र का वरदान प्राप्त है, कि जो इसके सम्पर्क में आता है, वह पुरुष पूर्ण रूप से रोगों से मुक्त होकर चिर यौवनमय बन जाता है, उनके शरीर का कायाकल्प हो जाता है, और पौरुष की दृष्टि से वह अत्यन्त प्रभावशाली बन जाता है।
साधना विधान-
इस साधना को आप किसी भी पूर्णिमा अथवा किसी भी एकादशी/चतुर्दशी किसी भी शुक्रवार को सम्पन्न करें। यह रात्रिकालीन साधना है, इस साधना को रात्रि में 9 बजे के पश्चात् सम्पन्न कर सकते हैं । नाभिअप्सरा साधना साधक अपने घर में या किसी भी अन्य स्थान पर एकांत में सम्पन्न कर सकता है।
इस साधना में बैठने से पूर्व साधक स्नान कर सुन्दर, सुसज्जित वस्त्र पहनें एवं अपने वस्त्रों पर सुगन्धित इत्र का छिड़काव करें। साधक उत्तर दिशा की ओर मुंह कर आसन पर बैठें। इस साधना में सुगन्धित पुष्पों का प्रयोग करना चाहिये। साधक साधना से पहले ही साधना के आखरी दिन दो सुगन्धित पुष्पों की माला की व्यवस्था कर लें।
सर्वप्रथम अपने सामने लकड़ी के बाजोट पर सुन्दर वस्त्र बिछाकर उस पर नाभिदर्शना अप्सरा का मंत्र सिद्ध यंत्र स्थापित कर, पंचोपचार पूजन सम्पन्न करें। गुरुदेव से साधना में सफलता का आशीर्वाद प्राप्त करें .
गणेश मंत्र -:
ऊँ गं गणपत्यै नमः (2 माला)
गुरू मंत्र -:
ऊँ ह्रीं गुरवे नमः (2 माला)
शिव जी की 5 माला
के बाद पुजा शुरू करें
मुख्य साधना सम्पन्न करें –
1- बाजोट पर एक ताम्र पात्र में अद्वितीय ‘ नाभि दर्शना महा यंत्र ’ को स्थापित करें।
2- केशर से यंत्र पर तिलक कर यंत्र का सुगन्धित पुष्पों, इत्र, कुंकुम इत्यादि से पूजन करें।
3- यंत्र के सामने सुगन्धित अगरबत्ती एवं शुद्ध घृत का दीपक लगावें।
3- इसके बाद हाथ में जल लेकर संकल्प करें, कि
‘ मैं अमुक नाम, अमुक पिता का पुत्र, अमुक गौत्र का साधक नाभि दर्शना अप्सरा को प्रेमिका रूप में सिद्ध करना चाहता हूं, जिससे कि वह जीवन भर मेरे वश में रहे, और मुझे प्रेमिका की तरह सुख आनन्द एवं ऐश्वर्य प्रदान करे।
’ 4- इसके बाद ‘ नाभि दर्शना अप्सरा माला ’ से निम्न मंत्र जप सम्पन्न करें, इसमें 51 माला मंत्र जप उसी रात्रि को सम्पन्न हो जाना चाहिए।
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