अमृता अप्सरा मँत्र साधना Amrita Apsara Mantra Sadhana

अमृता अप्सरा साधना :
अमृता अप्सरा : इन्द्रदेव के दरबार की अनेकानेक अप्सराओं में दिव्य सुन्दरी सरल सिद्ध अमृता अप्सरा है । इन अमृता अप्सरा की साधना परम आत्विक है । इनकी साधना ४१ दिन की है ।
शुक्ल पख्य के सोमवार या शुक्र वार को यह अमृता अप्सरा साधना आरम्भ कर सकते हैं । सम्पूर्ण स्नान करके स्वेत वस्त्र धारण करें । साधना कक्ष को स्वच्छ, सुन्दर व सुगन्धित रखें । शुध घी का दीपक प्रज्वलित करें । पूर्व की और मुख करके साधना करें । आसन्न पर इत्र छिडक कर सफेद वस्त्र बिछाकर बैठें । सर्बप्रथम गुरुमंत्र की माला जपें ।

 गणेश पूजन करें ।
 
अब काली कौडी के साथ अप्सरा का अप्सरा यंत्र लेकर लकडी की चौकी पर स्थापित करें । कुमकुम से चार चिह्न लगाएं, जो कि धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष का प्रतीक हैं । गंगाजल छिडक दें । यंत्र को अप्सरा का स्वरूप समझकर पूजन करें, पुष्पादि अर्पित करें । इस स्वातिक पूजा के मध्य अमृता का सशरीर अनुभव हो सकता है । सिद्ध माला के ५१ माला इस अप्सरा मंत्र का जाप करें –
ॐ हुं हुं जन तप अमृता हुं हुं।
 
यह पूजा निरन्तर ४१ दिन करें, अधिकांशत: ४१ दिन के पूर्व ही अप्सरा दर्शन देकर साधक को कृतकृत्य कर देगी।

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